MUKESH SAINI

फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है
 मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है
 मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ
 बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है Mukesh saini
                                                                                 तोड़ दो न वो क़सम जो खाई है,
कभी कभी याद करलेने मैं क्या बुराई है,
याद आप को किये बिना रहा भी तो नहीं जाता,
दिल में जगा अपने ऐसी जो बनाई है.😢😢

Comments